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आइए जानते हैं लिवर रोग के कारण, लक्षण व निवारण

आइए जानते हैं लिवर (यकृत) रोग के कारण, लक्षण व निवारण
यकृत रोग

इस ब्लॉग में जानिए “लिवर रोग के कारण, लक्षण व निवारण

आइए जानते हैं लिवर (यकृत) के बारे में कुछ बातें

लिवर (यकृत) हमारे पेट के दाहिनी तरफ पेट के थोड़ा ऊपर होता है। लिवर इंसानी शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग माना जाता है। हमारे शरीर के दूसरे अंगों के मुकाबले में लीवर सबसे बड़ा होता है। मनुष्य के भोजन को पचाने और शरीर से जहरीली चीजों को बाहर निकालने में लिवर की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। इसके साथ-साथ लीवर शरीर के दूसरे अंगों में खून पहुंचाता है। 

आजकल लिवर का रोग बहुत तेजी से फैल रहा है। इस बीमारी से पीड़ित होने वाले रोगी सभी उम्र के हैं। बड़े, बूढ़े, बच्चे सब इसकी चपेट में आते हैं।

शोध के अनुसार यह पाया गया है कि हमारे भारत में लगभग हर साल 10,00,000 (दस लाख) मरीज लिवर के रोग से पीड़ित होते हैं। डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि भारत में लोगों के मरने के 10 कारणों में से एक बड़ा कारण लिवर रोग है।

यदि लिवरकी बीमारी को रोका ना गया तो भविष्य में बहुत ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए वक्त रहते इस पर नियंत्रण पाना बहुत ही आवश्यक है।

लिवर रोग की बीमारी से बचने के लिए लीवर रोग के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करना बहुत जरूरी है। आज के शीर्षक में हम चर्चा करेंगे कि लिवर रोग क्या है? उसके कारण, लक्षण और उसके निवारण के बारे में बात करेंगे। जिसके द्वारा हम जानकारी प्राप्त करके जागरूकता पैदा करेंगे और लिवर की बीमारियों पर नियंत्रण पाकर रोगियों की संख्या कम करने में एक योगदान देंगे।

लिवर (यकृत) रोग कैसे होता है?

हमारे शरीर के दूसरे अंगों की तरह लिवर (यकृत) भी एक अंग है। यह एक खास अंग माना जाता है क्योंकि हमारा शरीर लिवर के द्वारा कई सारे काम करता है। लिवर भोजन को पचाने में सहायता करता है, शरीर से जहरीले पदार्थ को बाहर निकालता है, इसके साथ साथ हमारे शरीर में खून को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सहायता करता है। परंतु जब इन चीजों की करने में लीवर को रुकावटें पैदा होती है या किसी भी तरह की दिक्कत पेश आती है तो लिवर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है और उसी को हम लोग लीवर रोग कहते हैं।

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लिवर (यकृत) से संबंधित रोग 

हम सभी जानते हैं कि लिवर हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है। अगर लीवर खराब हो जाए तो उसे ट्रांसप्लांट (transplant) कराने की भी आवश्यकता पड़ सकती है। इसीलिए लीवर का सही रहना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। लीवर में गड़बड़ी और उसके सही से काम ना करने के कारण लिवर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

लिवर से संबंधित कई रोग होते हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में-

पीलिया (Jaundice)

लीवर से संबंधित रोगों में पीलिया बहुत ही ज्यादा आम माना जाता है। यह ज्यादातर छोटे बच्चों को होता है। यदि इसका समय पर इलाज न कराया गया तो व्यक्ति और बच्चे की जान भी जा सकती है। इसमें आंखों का रंग पीला हो जाता है, शरीर कमजोर और चेहरा भी सफेद पड़ जाता है।

हेपेटाइटिस (Hepatitis)

यह भी लिवर (यकृत) से संबंधित एक रोग है जो हेपेटाइटिस वायरस के कारण होता है।

लिवर में सूजन होना एक बड़ी समस्या है। यह ज्यादातर जंक फूड खाने और तेल से बनी हुई चीजों के साथ-साथ चटपटे मसाले के इस्तेमाल के कारण होता है। कोई भी उल्टी-सीधी चीज जिसके कारण पेट साफ नहीं हो पाता और उससे लीवर में सूजन आ जाती है, हेपेटाइटिस रोग को जन्म दे सकता है।

लिवर (यकृत) का खराब होना 

जो लोग शराब या नशीली चीजों का सेवन ज्यादा करते हैं उनके लीवर के खराब होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

लिवर कैंसर

जब कैंसर के टिशु (tissue) का निर्माण लीवर में होने लगता है तो लिवर कैंसर हो जाता है।

लिवर (यकृत) रोग के कारण

लिवर (यकृत) रोग के कई सारे कारण है। लिवर रोग वंशानुगत भी होता है और कई बार समय के साथ भी हो जाता है। लीवर रोग किसी को भी हो सकता है चाहे वह बड़ा हो या बच्चा। स्त्री हो या पुरुष।

कब्ज़

कब्ज़ होने के कारण लिवर (यकृत) रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। जब हमारा पाचन तंत्र पाचन प्रक्रिया पर सही से नियंत्रण नहीं रख पाता और खाने को पचा नहीं पाता तो इसके कारण कब्ज़ हो जाता है और फिर कब्ज़ से लिवर रोग हो जाता है। इसलिए कब्ज़ से मुक्ति जल्द से जल्द पाएं। ऐसी चीजों का सेवन करें जो कब्ज़ की बीमारी को दूर करते हो। यदि समय पर कब्ज़ पर काबू न पाया गया तो यह लिवर रोग होने के कारण बन सकता है।

मोटापा

मोटापा लिवर रोग होने का एक बहुत बड़ा कारण होता है। व्यक्ति को अपने वजन पर काबू पाना चाहिए और मोटापे से जल्द से जल्द मुक्ति हासिल कर लेनी चाहिए। अन्यथा मोटापे के कारण लिवर रोग के अलावा और कई सारी बीमारियां भी हो सकती हैं। सच पूछिए तो मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। इसलिए मोटापे से जल्द से जल्द छुटकारा पाने की कोशिश करनी चाहिए।

डायबिटीज (मधुमेह)

डायबिटीज (मधुमेह) के कारण भी लिवर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि डायबिटीज में हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (insulin) का निर्माण नहीं कर पाता जिसके कारण लिवर अपना काम सही से करने में असक्षम हो जाता है। डायबिटीज जहां अपने साथ कई सारी बीमारियों को लेकर आती है उनमें एक लिवर रोग भी होता है।

शराब

शराब का अधिक सेवन करने के कारण लिवर रोग हो सकता है क्योंकि उसका सीधा असर व्यक्ति के लीवर (यकृत) पर होता है। यदि व्यक्ति अपने लिवर को सही रखना चाहता है तो उसे चाहिए कि वह शराब छोड़ दे। शराब के कारण व्यक्ति का लिवर खराब होने लगता है और लिवर से संबंधित रोग हो जाता है।

अनुवांशिक (genetic) कारण 

अनुवांशिक कारण भी लिवर (यकृत) रोग के होने का एक बड़ा कारण माना गया है परंतु अभी तक इस पर शोध जारी है और अध्ययन किया जा रहा है। यदि आपके परिवार में किसी सदस्य को लिवर से संबंधित समस्याएं हैं तो आने वाले वंशज को भी लिवर संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

संक्रमण

संक्रमण होने के कारण भी लिवर रोग हो सकता है। इसीलिए संक्रमण से बचने के उपाय किए जाते हैं ताकि लोग इससे बचे रहें। संक्रमण के कारण लिवर रोग भी हो सकता है और इसके साथ ही शरीर में अन्य कई रोग भी होने का ख़तरा बना रहता है।

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लिवर रोग के लक्षण

आइए जानते हैं कि लिवर रोग के लक्षण क्या हैं ताकि उन को ध्यान में रखकर हम पहले से ही जागरूक हो जाएं।

हर बीमारी की तरह लिवर रोग  के भी कुछ लक्षण होते हैं। उन लक्षणों के कारण बीमारी के होने की संभावना भी होती है। इसीलिए समय पर लक्षणों को देखकर उस पर नियंत्रण पाना अनिवार्य है। यदि आप किसी भी तरह के लक्षण को देखें तो फौरन चिकित्सक से संपर्क करें और उसके द्वारा बताई गई बातों को अपनाएं।

लिवर रोग से कैसे बचाव करें

जिन लोगों को लीवर की बीमारी है उन्हें चाहिए कि वे निम्नलिखित चीजों से दूरी बनाए रखें। लीवर की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान केंद्रित करें-

लिवर रोग का इलाज

लिवर रोग एक लाइलाज बीमारी नहीं है बल्कि इसका इलाज है। बहुत से लोगों में यह बात चर्चा में है कि लिवर (यकृत) रोग का कोई इलाज नहीं है परंतु यह सत्य नहीं है। यह बात जान लें कि अन्य बीमारियों की तरह लिवर (यकृत) का भी इलाज है और डॉक्टर से संपर्क करके उसके बताए गई सलाह को अपनाकर इस रोग से मुक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। 

चिकित्सक द्वारा बताए गए ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, या सिटी स्कैन आदि को करवाएं। लिवर रोग से छुटकारा पाने के लिए बहुत सारी दवाएं भी उपलब्ध हैं। इसके साथ-साथ अपनी जीवनशैली में भी बदलाव लाएं और रोजमर्रा की जिंदगी में स्वास्थ्यवर्धक बातें अपनाएँ। 

फालतू चीजों से परहेज करें। इसके साथ-साथ लीवर ट्रांसप्लांट भी लिवर (यकृत) रोग के इलाज का एक तरीका है।

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  • हेलो दोस्तों, मैं हूँ नायला हाशमी। मैं साइकोलॉजी में ग्रेजुएट हूँ और मैंने काउंसलिंग में डिप्लोमा किया है। मैं मेंटल हेल्थ पर बात करना जरूरी समझती हूँ। मैं एक राइटर हूँ और हेल्थ और वेलनेस पर लिखती हूँ। मुझे लगता है कि किसी भी बात या जानकारी को आसान और सीधे तरीके से शेयर करना लोगों से जुड़ने का बेहतरीन तरीका है। मेरी कोशिश है कि मैं कॉम्प्लेक्स आइडियाज को आसान और रिलेटेबल बनाऊं।

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