भारत के कई राज्यों में मवेशियों के किसी वायरस के चपेट में आने की घटनाएँ देखी गई हैं।
इस वायरस का नाम लंपी वायरस है।
इस वायरस का होस्ट एनीमल (कारक) मच्छर है।
मच्छर के काटने से वायरस एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलता है।
लंपी वायरस संक्रमित जानवर से अन्य जानवरों में भी फैल सकता है।
यह बीमारी गाय व भैंसों में तेजी से फैल रही है।
लक्षण
गाय व भैसों की त्वचा पर गांठेंबुखारवजन का घटनाआँखों से पानी बहनादूध की कमीभूख ना लगना
उपचार
रोग से पीड़ित जानवर को अलग रखें।आस पास कीड़े मकौड़े मारने की दवा छिडकें।मृत पशु को गड्ढे में दफना दें।संक्रमित पशु के दूध का सेवन ना करें।बछड़ों को संक्रमित गाय या भैंस से दूर रखें।