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आज हम बात करते हैं कदंब का पेड़ (Kadamb ka ped) के बारे में

आज हम बात करते हैं कदंब का पेड़ (Kadamb ka ped) के बारे में

इस ब्लॉग में “आज हम बात करते हैं कदंब का पेड़ (Kadamb ka ped) के बारे में

कदंब का पेड़ / कदंब वृक्ष भी नीम के वृक्ष की तरह ही कई औषधीय गुणों से भरपूर है। इस वृक्ष की छाल, फल और पत्तियां सभी में औषधीय गुण पाए जाते हैं। 

इस समय में प्रदूषण बढ़ गया है। आज व्यक्ति बाहर के खाने की तरफ ज़्यादा आकर्षित होता है।

आजकल के खाने में लोग विभिन्न प्रकार की वस्तुएं इस्तेमाल करने लगे हैं जो हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। अधिक मसालेदार खाना हमारे शरीर को हानि पहुंचाता है। इससे हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग हो जाते हैं। 

एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर को सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा (Fat), विटामिन आदि की आवश्यकता होती है और यह सब संतुलित आहार लेने से ही प्राप्त होगा। आजकल के समय में हर व्यक्ति काम की अधिकता के कारण पूरा दिन घर से बाहर ही रहता है और इतना व्यस्त रहता है कि उसे  संतुलित आहार या अपने शरीर के बारे में विचार करने तक का वक्त नहीं रहता है। अतः व्यक्ति जंक फूड पर ही निर्भर होकर रह जाता है। अब इसको इतनी आसानी से और इतनी जल्दी खत्म तो नहीं किया जा सकता है परंतु इन से होने वाली बीमारियों का उपचार तो किया ही जा सकता है। 

हमारे देश में कई तरह से इलाज किया जाता है जिनमें आयुर्वेद सबसे पुराना तरीक़ा है जो ऋषि-मुनियों के  समय से चला आ रहा है। 

ऋषि-मुनि पुराने समय में जड़ी- बूटियों, पेड़- पौधों की पत्तियों, छालों इत्यादि से इलाज किया करते थे। ऐसा भी माना जाता है कि यह आजकल की एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाइयों से अधिक फायदेमंद होती है। यह रसायनरहित (केमिकल फ्री) होती हैं। ऐसे बहुत से पेड़-पौधे, पत्तियां, जड़ी- बूटियां पाई जाती हैं जो हमारे शरीर के रोगों से लड़ने में सहायता प्रदान करती हैं।

उदाहरण के लिए-

इन पेड़ों की पत्तियां, छालें, फलों के बीज इत्यादि रोगों से लड़ने में सहायता प्रदान करते हैं। 

तो आज हम कदंब के पेड़ (Kadam ka ped) के बारे में जानेंगे।

कदंब का पेड़ कैसा होता है ? / kadam ka ped kaisa hota hai?

यह एक ऐतिहासिक पेड़ है जो हमारी हिंदू संस्कृति के भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण कदंब वृक्ष पर बैठकर बांसुरी बजाया करते थे। मथुरा के इलाके में कदंब के काफी वृक्ष (kadamb ka ped) देखने को मिल जाते है। इस की कई प्रजातियां होती हैं जो अलग-अलग नामों से प्रचलित हैं जैसे- 

आचार्य बालकृष्ण के अनुसार कदंब वृक्ष की छाया भी  रोगों से शांति प्रदान करती है। यह वृक्ष काफी घना होता है और उसकी पत्तियां शीतलता प्रदान करती है। 

ऐसा कहा जाता है कि सांप के द्वारा काटे हुए व्यक्ति को कदंब की छाल का सेवन कराने से लाभ होता है परंतु अभी यह सत्यापित नहीं हुआ है कि सांप काटे व्यक्ति को छाल फायदा करती है या नहीं। 

शोधकर्ताओं द्वारा इस विषय पर अभी शोध चल रहा है क्योंकि कदंब का पेड़ (kadam ka pedh) जहर श्यामक वृक्ष है। 

हमारे आयुर्वेद में और भी कई प्रकार की बीमारियों पर कदंब के वृक्ष के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई है।

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कदंब की छाल का उपयोग / Kadam ka ped ke fayde

घाव के लिए

वृक्ष की छाल को उबालकर व पीसकर घाव पर लगाने से घाव भर जाते हैं। इससे घाव का इंफेक्शन ठीक होने लगता है। 

खाज-खुजली में

इसका उपयोग खाज-खुजली में किया जाता है। यदि शरीर के इंटिमेट एरिया में भी खुजली होती है तो कदंब का पेड़ इसके लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है। 

दाद, खाज-खुजली के लिए कदंब के पत्तों को बारीक पीसकर इसका रस निकाल लें और आपस में मिला लें। जब लेप तैयार हो जाए तो विकृत जगह पर लगाएँ। 

 मुंह के छालों के लिए 

मुँह के छालों से निजात पाने के लिए इसकी छाल और फल को उबालकर उस पानी से कुल्ला करें।

शक्ति वर्धक आहार 

इसके फल को आयुर्वेद में बहुत ही पौष्टिक माना गया है। इसके टुकड़े काट के धूप में सुखाकर पाउडर बनाकर सुबह-शाम सेवन करना चाहिए यह शक्ति दायक फल है। 

 बुखार में लाभदायक 

इसके लिए 50 ग्राम कदंब की छाल 7-8 तुलसी के पत्तों को बारीक पीस लें। एक गिलास पानी में हल्के   आंच पर उबालें और तब तक उबालते रहे जब तक यह पानी आधा ना हो जाए। फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें जब यह ठंडा हो जाए तो दो-दो चम्मच दिन में तीन बार सेवन करें। ऐसा करने से बुखार में आराम मिलेगा। 

चोट में लाभदायक 

इसकी छाल घाव, चोट, शरीर के दर्द को भी आराम देती है। इसके लिए छाल और पत्तियों को उबाल लें जब यह हल्का गुनगुना रह जाए तो विकृत जगह पर सेकने से आराम मिलेगा। 

पेट की बीमारियों में

पेट में गैस, कब्ज या पाचन तंत्र से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या से परेशान हो तो कदंब के फल में सेंधा नमक मिलाकर रोजाना सेवन करने से इन बीमारियों से छुटकारा मिलता है। 

शुगर के मरीजों के लिए-

डायबिटीज के मरीजों के लिए कदंब रामबान माना गया है। कदंब का बीज इंसुलिन का कम करता है। जिन शुगर के रोगियों को इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना पड़ता है वे इसका सेवन करके इंसुलिन की कमी को पूरा कर सकते हैं। 

कदंब का पेड़ का प्रयोग कहां तक सुरक्षित होता है? / kadamb ka ped ka prayog kaha tak surakshit hota hai?

कदंब का प्रयोग जब तक एक औषधि के रूप में किया जाए तब तक ही ठीक है। यदि इसका सेवन एक फल की तरह किया जाने लगा तो यह नुकसानदायक हो सकता है।

जैसे—

पाचन में समस्या होना हो सकती है। 

यदि कोई महिला प्रेग्नेंट है या बेबी प्लानिंग कर रही है तो इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें।

हम आशा करते हैं कि इस लेख से आपको बहुत जानकारियां प्राप्त हुई होंगी जो आपके लिए लाभदायक सिद्ध हुई होंगी परंतु इनमें से किसी भी उपचार का उपयोग करने से पहले डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।

इस लेख से संबंधित सवाल एवं सुझावों को आप कमेंट बॉक्स में हमसे साझा कर सकते हैं।

Author

  • Deepak is an engineering graduate with a passion for health and wellness. Leveraging his technical expertise, he write about topics like healthy living, nutritious food, self-care, mental well-being etc. With a focus on evidence-based practices, Deepak aims to inspire others to lead balanced and healthier lives through their writing.

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