Aaiye jaante hain / Gurdey Kidney majboot karne ke upay kya hain? | आइए जानते हैं गुर्दे / किडनी मजबूत करने के उपाय क्या है?

इस ब्लॉग में हम  “जानेंगे गुर्दे / किडनी मजबूत करने के उपाय क्या है?

शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक नाम गुर्दे या किडनी का भी आता है। भूरे कलर तथा सेम के आकार का ये अंग शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बात करें यदि इस अंग की लोकेशन के बारे में तो हमारी पसलियों के जाल के नीचे दोनों तरफ़ 2 गुर्दे / किडनी स्थित होते हैं। इनसे दो नलिकाएं निकली होती हैं जिन्हें यूरेटर (Ureter) के नाम से जाना जाता है। यूरेटर के दोनों सिरे एक तरफ़ दोनों गुर्दों से जुड़े होते हैं और दूसरी तरफ़ उनका अंत तक एक थैली के आकार के अंग से लगा हुआ होता है। इस थैली के आकार के अंगो को हम ब्लैडर (Bladder) कहते हैं। ब्लैडर में मूत्र इकट्ठा होता है। यूरेटर के माध्यम से मूत्र नीचे खिसकता हुआ ब्लैडर में एकत्र हो जाता है। इसके पश्चात यह शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है।

एक रिसर्च के अनुसार 20 साल से अधिक के प्रति दस अमेरिकी व्यक्तियों में से एक व्यक्ति को गुर्दे से संबंधित बीमारी होती है और समय के साथ ये बीमारियां बढ़ती चली जाती हैं। जब गुर्दे / किडनी रक्त से हानिकारक पदार्थों को अलग करने में असमर्थ होते हैं तो ऐसे में इसे किडनी फेल्योर (Kidney failure) माना जाता है। आंकड़ों के अनुसार 20 साल से अधिक के व्यक्तियों में किडनी फेल्योर की संभावनाएं काफ़ी अधिक होती हैं।

गुर्दे / किडनी आख़िर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं? | Gurdey / Kidney itne mahatvpurna kyun hain in Hindi

दरअसल किडनी हमारे शरीर से हानिकारक पदार्थों को छानकर बाहर निकालने का कार्य करते हैं। यूँ कहें तो हमारे रक्त में पाई जाने वाली अशुद्धियां या हानिकारक पदार्थ शरीर से बाहर निकाले जाना काफ़ी ज़रूरी होते हैं। किडनी यही काम करते हैं।

हमारे शरीर में एमिनो एसिड (Amino acid) व अमोनिया (Ammonia) के आक्सीकरण (Oxidation of amino acids and ammonia) या आसान शब्दों में कहें तो टूट फूट के कारण यूरिया का निर्माण (Formation of urea due to wear and tear) होता है। किडनी के द्वारा इस प्रकार के किसी भी हानिकारक पदार्थ को रक्त तथा पानी से छान कर अलग कर दिया जाता है।

प्यूरिफ़िकेशन या शुद्धिकरण की प्रक्रिया के पश्चात ये शरीर से बाहर निकल जाते हैं। प्यूरिफ़िकेशन या शुद्धिकरण की प्रक्रिया गुर्दों / किडनी के द्वारा ही की जाती है। यदि इन हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला ना जाए तो ऐसे में रक्त में यूरिक एसिड (Uric acid) की मात्रा बढ़ सकती है जो शरीर के लिए काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकता है। आपको बताते चलें कि यदि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा काफ़ी बढ़ जाए तो ऐसे में व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। सिर्फ़ इतना ही नहीं बल्कि किडनी शुद्धीकरण के अलावा भी एक कार्य करते हैं और वह है शरीर के PH वैल्यू को मेंटेन करना।

किडनी PH लेवल के साथ साथ लवण तथा पोटैशियम (Salt and Potassium) के स्तर को भी संतुलित करने का कार्य करते हैं। ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को कम करने वाले हारमोन का निर्माण करते हैं तथा रेड ब्लड सेल्स (Red Blood cells) के उत्पादन को भी नियमित करते हैं। किडनी के द्वारा विटामिन D के एक रूप को भी क्रियाशील किया जाता है जिसके कारण हमारा शरीर कैल्शियम के अवशोषण (Absorption of Calcium) का कार्य करता है। इसके द्वारा शरीर हड्डियों को मज़बूत व सुदृढ़ बनाता है।

ये सारे ही कार्य किडनी के द्वारा किए जाते हैं। अब आपको इस सवाल का जवाब मिल गया होगा कि गुर्दे / किडनी आख़िर इतने महत्वपूर्ण क्यों होते हैं?

अब बात आती है कि हम अपने गुर्दे / किडनी के स्वास्थ्य का ख़याल कैसे रखें? | Kidney ke swasthya ka kaise rakhein khayal in hindi

किडनी का ख़याल रखने के लिए हम छोटे छोटे कदमों को ध्यान में रख सकते हैं जिनसे कि हम गुर्दों / किडनी को अधिक क्रियाशील व स्वस्थ बना सकते हैं। तो आइए देखते हैं कुछ तरीक़े जिनके द्वारा हम अपने इस महत्वपूर्ण अंग की ओर विशेष ध्यान दे सकें-

गुर्दे / किडनी के स्वास्थ्य का ख़याल कैसे रखें Kidney ke swasthya ka kaise rakhein khayal in hindi

ख़ुशहाल दिनचर्या बनाएँ | Khushaal Dincharya Banayein in Hindi

शरीर को स्वस्थ बनाने का सबसे पहला नियम ख़ुशहाल दिनचर्या है। प्रतिदिन सुबह उठकर योगा या व्यायाम करने से ना सिर्फ़ शरीर स्वस्थ होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा बनता है। इससे हमारे शरीर के विभिन्न अंगों को अपने कार्य को सही करने तरीक़े से करने का निर्देश मस्तिष्क के द्वारा जारी किया जाता है। स्वस्थ मस्तिष्क अंगों को स्वस्थ तरीक़े से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रकार हमारी किडनी भी सही प्रकार से कार्य करने के लिए प्रेरित होती हैं।

विभिन्न अध्ययनों के माध्यम से इस बात को स्पष्ट रूप से देखा गया है कि प्रतिदिन किया गया व्यायाम क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (Chronic Kidney Disease) या घातक गुर्दा रोग (Fatal Kidney disease) की संभावनाओं को कम करता है। प्रतिदिन व्यायाम करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है तथा हृदय स्वास्थ्य भी मज़बूत बनता है। ये दोनों ही चीज़ें गुर्दों को डैमेज होने से बचाती हैं।

ब्लड प्रेशर पर नज़र रखें | Blood Pressure par nazar rakhein in Hindi

ब्लड प्रेशर का नियमित होना बेहद ज़रूरी है। यदि ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो ऐसे में किडनी के फ़ेल होने या गुर्दों के ख़राब होने की संभावना बढ़ जाती है।

ब्लड प्रेशर के बढ़ जाने से शरीर में डायबिटीज़, ह्रदय रोग तथा कोलेस्ट्रॉल (Diabetes, Heart Disease and Cholesterol) का स्तर भी बढ़ जाता है जो शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है।

120/80 का पैमाना एक स्वस्थ है ब्लड प्रेशर माना जाता है। यदि ये 140/90 हो जाता है तो ऐसे में ये बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति को लगातार 140/90 ब्लड प्रेशर की रीडिंग आ रही है तो ऐसे में उसे तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में इलाज करवाना काफ़ी ज़रूरी है। अन्यथा यह स्थिति किडनी फेल्योर के लिए ज़िम्मेदार हो सकती है।

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तरल चीज़ों का सेवन करें | Taral cheezon ka sevan karein in Hindi

अपने शरीर में जल की पर्याप्त मात्रा बनाए रखें। इसके लिए ना सिर्फ़ जल का सेवन करें बल्कि फलों के जूस तथा सब्ज़ियों का भी सेवन किया जा सकता है। अपने आहार में तरल पदार्थों को भी शामिल करें जिससे आपके शरीर में जल या तरल पदार्थों का एक चक्र बना रहे।

जल गुर्दों से हानिकारक पदार्थों तथा सोडियम को बाहर निकालने में मदद करता है। दरअसल गुर्दों में मौजूद सोडियम तथा अन्य हानिकारक पदार्थ पानी के माध्यम से ही शरीर से बाहर निकलते हैं। मूत्र तरल जल के कारण ही होता है।

एक व्यस्क व्यक्ति को प्रतिदिन डेढ़ से दो लीटर पानी का सेवन करना चाहिए। प्रतिदिन जल के सेवन की मात्रा व्यक्ति के आयु तथा लिंग पर भी निर्भर करती है।

धूम्रपान निषेध अपनाएं | Dhumrapaan Nishedh apnayein in Hindi

यदि आप स्वस्थ किडनी चाहते हैं तो आज ही धूम्रपान की आदत को छोड़ दें। धूम्रपान करने से शरीर की नसों को काफ़ी नुक़सान पहुँचता है। इससे शरीर में रक्त के प्रवाह को बाधा पहुँचती है जिससे कि यह कम होने लगता है। ब्लड या रक्त की उचित मात्रा गुर्दों तक पहुँचना आवश्यक होता है अन्यथा किडनी फेल्योर की संभावना बढ़ जाती है। आपको बताते चलें कि स्मोकिंग या धूम्रपान करने से गुर्दों के कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करें | Blood Sugar ko niyantrit karein in Hindi

रिसर्च के अनुसार ऐसे लोग जिन्हें डायबिटीज़ है या उनके शरीर में रक्त शर्करा अर्थात ब्लड शुगर की अधिक मात्रा है तो उनमें गुर्दों के ख़राब होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा दरअसल ग्लूकोज की अधिकता के कारण होता है। हमारे शरीर में कोशिकाओं के द्वारा ग्लूकोज का अवशोषण किया जाता है। इससे शरीर को कार्य करने के लिए एनर्जी या ऊर्जा मिलती है।

जब कोशिकाएं शरीर से पर्याप्त ग्लूकोस या शुगर की मात्रा का अवशोषण नहीं कर पाती हैं तो ऐसे में गुर्दों को शरीर से बढ़ा हुआ ग्लूकोज फिल्टर करना पड़ता है। इसके लिए गुर्दों को अधिक कार्य करना पड़ता है। यह स्थिति यदि लगातार बनी रहे तो ऐसे में गुर्दों का सामर्थ्य धीरे धीरे कम पड़ने लगता है और गुर्दों के ख़राब होने की संभावना बढ़ जाती है।

दवाइयों का अधिक सेवन न करें | Dawaiyon ka adhik sevan na karein in Hindi

ऐसे लोग जो लगातार पेनकिलर या अन्य दवाओं का सेवन करते हैं उन्हें सावधान हो जाना चाहिए। रिसर्च के अनुसार यह बात साफ़ देखी गई है कि दवाइयों का सीधा असर गुर्दों की कार्य प्रणाली पर होता है।

नॉनस्टेरॉइडल एंटी इन्फ्लामेटरी ड्रग्स जैसे आईप्रोफेन एवं नैप्रोक्सिन का लगातार सेवन किडनी के ख़राब होने की संभावनाओं को काफ़ी हद तक बढ़ा देता है। जो लोग सरदर्द, आर्थराइटिस या शरीर में होने वाले किसी भी तरह के दर्द की कोई दवा खाते हैं उनको लगातार दवाइयों के सेवन से बचना चाहिए।

किसी भी तरह की दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर का परामर्श अवश्य लें। यदि आपको गुर्दों से संबंधित कोई समस्या हो रही है तो ऐसे में इसे बिलकुल भी अनदेखा न करें।

गुर्दे / किडनी की जाँच करवाएँ | Kidney ki jaanch karwayein in Hindi

समय समय पर गुर्दों की जाँच करवाना आवश्यक है। ऐसे लोग जो 60 साल से अधिक हैं उन्हें समय समय पर अपने गुर्दों की जाँच करवाना आवश्यक है।

इसी के साथ ऐसे लोग जो लो बर्थ वेट या जन्म के समय कम वज़न के साथ पैदा हुए हैं उन्हें भी अपनी किडनी की जाँच समय समय पर करवाना चाहिए। जिन लोगों को हृदय से संबंधित बीमारी है या जिनके परिवार के इतिहास में कभी किसी को गुर्दों से संबंधित समस्या रही है उनके लिए भी गुर्दों की जाँच आवश्यक है।

निष्कर्ष | Conclusion

जैसा कि हम जानते हैं कि गुर्दे हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं इसलिए ये ज़रूरी है कि हम अपने गुर्दों के स्वास्थ्य का ख़याल रखें। इस लेख में हमने गुर्दों को स्वस्थ रखने के कुछ महत्वपूर्ण उपायों की चर्चा की है। इन उपायों को आप लागू कर सकते हैं। इसी के साथ किसी भी तरह की एलर्जी या गुर्दे से सम्बंधित रोग होने पर डॉक्टर से चेकअप करवाना आवश्यक है।

लेख से संबंधित सवालों और सुझावों को आप कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं।

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