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जाने छात्रों में आत्म विश्वास (Self confidence) कैसे बढ़ाएँ?

जाने छात्रों में आत्म विश्वास (Self confidence) कैसे बढ़ाएँ

इस ब्लॉग में “जाने छात्रों में आत्म विश्वास (Self confidence) कैसे बढ़ाएँ?

आत्मविश्वास क्या है ? Atmavishwas kya hai ?

आत्म विश्वास वह ऊर्जा है जो सफलता के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों व परेशानियों से हमें लड़ना सिखाती है और हमें साहस प्रदान करती है। आत्मविश्वास इंसान की एक मानसिक शक्ति है जो विचारों को आजादी प्रदान करती है। हमें सोचने की शक्ति प्रदान करती है जिससे हम स्वतंत्र होकर हर परिस्थिति में अपने फैसले खुद ले सकते हैं। यह एक ऐसी शक्ति है जिससे बड़े से बड़ा काम सरलता पूर्वक किया जा सकता है और उसमें हमें सफलता भी मिलती है। जो इंसान आत्मविश्वास से भरपूर होता है उसे कोई भी चिंता नहीं होती है। उसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं होती है। वह अपना काम पूरी निष्ठा के साथ करता है और सफलता हमेशा उसके साथ चलती है। 

छात्रों में आत्मविश्वास का महत्व / Atmavishwas ka mahatva

आत्मविश्वास का महत्व यह है कि इसके बिना इंसान का जीवन बहुत मुश्किल हो जाता है और उसे जीवन के हर मोड़ पर निराशा महसूस होती हैं। छात्रों को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रेरणा की आवश्यकता होती है और प्रेरणा से आत्मविश्वास मिलती है। 

आत्मविश्वास सीधे हमारी सफलता से जुड़ा होता है। छात्र जितना अधिक प्रेरित होता है, वह अपने जीवन में उतनी ही सफलता हासिल करता है। 

वैयक्तिक रूप से आत्म विश्वास सब के लिए महत्वपूर्ण होता है। ऐसा मानवीय स्वभाव की भिन्नता के कारण ही होता है। बहुत सारे छात्र अपने आप पर भरोसा नहीं करते और अपने आप को असफल महसूस करते हैं।

आत्मविश्वास एक ऐसी चीज है जो आपको आपके ज्ञान और क्षमताओं के बारे में जागरूक करती है और आपको अंदर ही अंदर मजबूत बनाती है। ये आपको ये भी विश्वास दिलाती है कि आप सब कुछ कर सकते हैं। इसलिए छात्रों में आत्मविश्वास होना बहुत ज्यादा जरूरी है। आत्मविश्वास से चुनौतियों को स्वीकार करने की क्षमता विकसित होती है और इससे व्यक्ति का रुप ही बदल जाता है।

जो छात्र अपनी प्रतिक्रिया तुरंत देते हैं, विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं, हर बात पर बोलना जानते हैं और हर परिस्थिति को झेलना जानते हैं, ऐसे छात्रों में उन छात्रों की तुलना में जो कम बोलते हैं, चुपचाप रहते हैं और किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेते, उनकी अपेक्षा ज्यादा आत्मविश्वास होता है। 

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आपके आत्मविश्वास में आपकी कार्य क्षमता की झलक देखी जा सकती है। आत्मविश्वास को एक भावना के रूप में भी परिभाषित किया गया है। आत्मविश्वास की कमी वास्तव में आपको नीचे की ओर ढ़केल सकती है। एक आत्मविश्वासी व्यक्ति हमेशा खुद पर विश्वास करता है और किसी भी चुनौती को स्वीकार करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। 

शिक्षक बड़ी आसानी से कम आत्म विश्वास वाले छात्रों का पता लगा सकते हैं, क्योंकि एक आत्म विश्वास से भरा बच्चा अधिक रुचि के साथ अपने कार्यों को करता है और सभी प्रश्नों के उत्तर भी बड़ी सक्रियता से देता है।

आत्म विश्वास बढ़ाने के उपाय / Atmavishwas badhane ke upaay

कुछ छात्रों में आत्मविश्वास की कमी रहती है। वे अपने आप को हमेशा असहाय महसूस करते हैं और जिंदगी के हर मोड़ पर उन्हें निराशा महसूस होती है। 

इस आर्टिकल में हम इसी संबंध में चर्चा करेंगे कि विद्यार्थियों में आत्मविश्वास को कैसे विकसित किया जाए। हमने यहां पर आत्मविश्वास को विकसित करने के कुछ उपायों की चर्चा की है जो निम्नलिखित हैं-

खुद की सराहना करें

यदि आप पहले से अपनी कमज़ोरियों को जानते हैं तो उन्हें निरंतर सुधारने का प्रयास करें। आप उन बिंदुओं पर ध्यान दें जो आपकी कमजोरी का कारण बन रही हैं और जिन्हें आपको सुधारने की आवश्यकता है। 

अपनी पूरी कोशिश करें और परिणाम के बारे में न सोचें। बस अच्छा प्रदर्शन करें। अपनी कड़ी मेहनत व दृढ़ संकल्प के लिए स्वयं की सराहना करें। 

जिंदगी में कई मोड़ ऐसे आते हैं जहां पर लोगों को आपकी मेहनत नहीं दिखती बस आप के परिणाम दिखते हैं। इसीलिए हर मुश्किल समय में अपने आप को सराहें और खुद का साथ दें क्योंकि यह आपको प्रेरित रखेगा और आपको आशावादी बनाने में मदद करेगा। एक बार अगर आप आशावादी प्रवृत्ति के बन गये, तो यह स्वतः ही आपका आत्म विश्वास बढ़ा देगा।

अपने आपको पहचानें

जीवन में ऐसे बहुत से मोड़ आते हैं जहां पर हमारा आत्म विश्वास कम होने लगता है और हम अपना आत्मविश्वास खोने लगते हैं। इसके कई कारण होते हैं उदाहरण के लिए हमारा किसी जगह सफल न हो पाना और खुद को न पहचान पाना। इन सभी के कारण हमारा आत्मविश्वास बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। किसी चीज़ के लिए अपनी उम्मीद न खोएं बल्कि उसके लिए प्रयासरत रहें। आगे बढे़ं और अपनी क्षमताओं को पहचानें।

अपनी क्षमताओं को जानने की कोशिश करें क्योंकि कोई भी इंसान एक बार में सफल नहीं होता। हर किसी की अपनी एक अलग पहचान और क्षमता होती है। इसलिए, इस बात को खुद स्वीकार करें कि आप क्या हैं और क्या-क्या कर सकते हैं। स्वयं को किसी से कम न समझें। 

यदि आपको कुछ नहीं आ रहा है तो उसको सीखने का प्रयास करें। अपनी क्षमता को बढ़ाएं ना कि निराश हों जिस के कारण आप का आत्म विश्वास कम होने लगे। 

खुद पर विश्वास करना सीखें

अपने आप पर विश्वास करना आत्मविश्वास को विकसित करने का सबसे अच्छा उपाय है। आप स्वयं को बार-बार यह एहसास दिलाएं कि आप कुछ भी कर सकते हैं और आपके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है।

ऐसे में आप डरें नहीं बल्कि हिम्मत से काम लें क्योंकि सबके विचार एक जैसे नहीं होते। सब के पास उनके अपने अलग-अलग विचार होते हैं। इसलिए आपको खुद पर विश्वास करना होगा।

इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है इसलिए खुद पर विश्वास रखें। यदि आप किसी विषय में कमजोर हैं तो डरे नहीं बल्कि उसको पूरे आत्म विश्वास और लगन के साथ सीखें। 

अपनी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करें

कभी-कभी लोग किसी के व्यक्तिगत हावभाव को देखकर उसका मजाक उड़ाते हैं जैसे उसके छोटे होने पर, उसके मोटे होने पर, उसकी जाति या वर्ण आदि। इन बातों से छात्रों का आत्मविश्वास डगमगा सकता है। इसलिए ऐसा ना करें।

रही बात छात्रों की तो ऐसे में उनको बस इसी बात पर ध्यान देना चाहिए कि उनकी क्षमता क्या है और वे किस तरह लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। 

हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें क्योंकि दुनिया हमेशा सफल लोगों की प्रशंसा करती है। इसलिए कभी भी अपने मार्ग से विचलित न हो बल्कि निरंतर प्रयासरत रहें। अपनी क्षमताओं को ध्यान में रखकर अपनी उपलब्धियों को याद करें और आगे बढ़ें, यक़ीनन सफलता आपके कदम चूमेगी। 

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सकारात्मक रहें

हमेशा सकारात्मक बने रहने का प्रयास करें क्योंकि सकारात्मकता आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है। अच्छे और सकारात्मक विचार आपके जीवन में  बदलाव ला सकते हैं। ये सफलता की कुंजी सिद्ध हो सकती है। इसलिए, हमेशा सकारात्मक रहें। यह जीवन के प्रति आपके दृष्टिकोण को बदल देगा और आपके आत्मविश्वास का स्तर विकसित करेगा।

क्षमाशील व सहनशील स्वभाव विकसित करें

आपके अंदर क्षमाशील स्वभाव अथवा सहनशक्ति का होना बहुत जरूरी है जिससे आप आसानी से किसी को भी माफ कर पाएँ और आसानी से किसी भी चीज को सह लें।

माफ करना आपको विनम्र बना सकता है। जब आप विनम्र होंगे तो आपके पास एक सकारात्मक दृष्टिकोण होगा और इससे आपका आत्मविश्वास विकसित होगा।

एक विनम्र व्यक्ति हमेशा दूसरों के विचारों का सम्मान करता है और दूसरों से नई चीजें सीखने की कोशिश करता है। इसलिए, क्षमाशील बनें जिससे आपका आत्मविश्वास विकसित हो सके। 

अपनी तुलना किसी से न करें

हर छात्र के पास अपनी अलग-अलग मानसिक क्षमता होती है इसलिए हमें अपनी तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए बल्कि हमें अपना मुकाबला खुद से ही करना चाहिए। 

जब तक हम खुद को समझते नहीं हैं नहीं तब तक हम खुद से जीत नहीं सकते। इसलिए अपनी शक्ति  को बढ़ाने के लिए हमें खुद से जीतना होगा ना कि दूसरों से। 

जब हम बच्चों की तुलना करना शुरू करते हैं तो बच्चे अपना आत्मविश्वास खो देते हैं और निराशा महसूस करते हैं। इसलिए, तुलना करने के बजाय उन्हें प्रोत्साहित करने की कोशिश करें क्योंकि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और साथ ही वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।

निष्कर्ष / Conclusion

छात्रों में आत्मविश्वास का होना बहुत ज़रूरी है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा किस स्थिति में है और उसका आत्मविश्वास कैसे बढ़ाएं क्योंकि जब तक किसी छात्र का आत्मविश्वास नहीं बढ़ेगा तब तक वह अपने जीवन में सफल नहीं हो सकेगा।  

हर परिस्थिति में टीचर को छात्र के आत्मविश्वास को बढ़ाना चाहिए। जिस तरह हमारे शरीर को कुछ मल्टीविटामिन्स की जरूरत होती है, उसी तरह जीवन को उज्ज्वल बनाए रखने के लिए हमें सकारात्मकता और प्रेरणा की जरूरत होती है। ये प्रेरणा हमारे विचारों के लिए मल्टी-विटामिन की तरह ही काम करती है। 

जिस प्रकार विटामिंस शरीर को ऊर्जा देते हैं उसी प्रकार आत्मविश्वास एक छात्र को उसके कदम आगे बढ़ाने पर विवश करता है। जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मानव के लिए ऑक्सीजन। बिना आत्मविश्वास के व्यक्ति सफलता की राह पर कदम नहीं बढ़ा सकता। आत्मविश्वास वह ऊर्जा है, जो सफलता की राह में आने वाली कठिनाइयों एवं परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है।

इसलिए अपने आत्म विश्वास को बनाए रखें।

आप अपने सवालों को कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं।

Author

  • Deepak is an engineering graduate with a passion for health and wellness. Leveraging his technical expertise, he write about topics like healthy living, nutritious food, self-care, mental well-being etc. With a focus on evidence-based practices, Deepak aims to inspire others to lead balanced and healthier lives through their writing.

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