डिमेंशिया (मनोभृंश) क्या है ? जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार के बारे में

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डिमेंशिया (Dementia) रोग क्या है? / Dementia rog kya hai?

डिमेंशिया (Dementia) को भूलने वाली बीमारी के नाम से जाना जाता है। इस रोग में मनुष्य के दिमाग की कोशिकाएं (cell) किसी कारण से बर्बाद हो जाती हैं जिससे रोगी की सोच, उसके व्यवहार, उसके भावों आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है और वह अपने रोजमर्रा के कामों को सही से करने में असफल रहता है। 

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिमाग की कोशिकाएं एक दूसरे से सही से संवाद नहीं कर पाती। इसीलिए व्यक्ति की याददाश्त में कमी आ जाती है जिसकी वजह से वे अपनी जरूरी चीजों को भी भूलने लगता है। 

65 साल से ज्यादा के लोगों में से यदि आप 10 लोगों को देखें तो उनमें से किसी एक को यह बीमारी होती है। वहीं अगर आप 85 साल से ज्यादा के लोगों को लें और उनमें से 4 लोगों को अलग करें तो किसी एक को डिमेंशिया (Dementia) जरूर होगा। पूरी दुनिया में तकरीबन 47.5 मिलियन / 4.75 करोड़ लोग डिमेंशिया की बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी को हर 4 सेकेंड में एक रोगी सामने आता है। डिमेंशिया और मनोभ्रंश दोनों एक ही अवस्था के दो अलग-अलग नाम हैं।

यह बात खासतौर पर ध्यान देने की है कि डिमेंशिया (Dementia) किसी एक बीमारी का नाम नहीं है बल्कि एक लक्षण के समूह का नाम है जो हमारे दिमाग को हानि देने से संबंधित है। डिमेंशिया बीमारी के कारण व्यक्ति अपने दैनिक कार्यों में दिक्कत महसूस करता है। यदि इस पर ध्यान ना दिया जाए तो यह उम्र के साथ-साथ दिक्कतें बढ़ाता रहती है। 

क्या डिमेंशिया (Dementia) का इलाज संभव है? / Kya Dementia ka ilaaj sambhav hai?

अभी तक इस बीमारी का इलाज सामने नहीं आ पाया है। इसके लिए शोध जारी हैं। कई सारे वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस बीमारी का कारण क्या है,‌ परंतु अभी वे किसी भी सटीक जवाब पर नहीं पहुंच पाए। 

मस्तिष्क हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है और यह बात तो बहुत साफ है कि हम अपने सारे कामों के लिए अपने मस्तिष्क पर ही निर्भर हैं। अगर हमारे मस्तिष्क की कोशिकाएं काम करना बंद कर दें तो उसका इलाज नहीं किया जा सकता।

हमारे मस्तिष्क में कई भाग हैं और हर भाग अपने हिस्से का काम अच्छे तरीके से करता है। सेरेब्रल कॉर्टेक्स (Cerebral Cortex) जो मनुष्य के मस्तिष्क का एक हिस्सा है। यह हिस्सा विचार करने, फैसला लेने, और व्यक्तित्व को बनाए रखने में काम करता है। इस हिस्से में गड़बड़ी के कारण डिमेंशिया रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि इन हिस्सों में मस्तिष्क की कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं। तो यह संख्यात्मक दोष का कारण बन जाता है। और यही कारण डिमेंशिया (मनोभृंश) की खासियत है।

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डिमेंशिया के लक्षण / Dementia symptoms in hindi

आइये जाने डिमेंशिया के लक्षण

  1. व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है।
  2. जरूरी चीजों को भूलने लगता है।
  3. किसी भी काम को करने में असक्षम रहता है।
  4. खुद को दूसरों से कम समझता है।
  5. किसी भी काम में पहल करने से जी चुराता है।
  6. उसके व्यक्तित्व में बदलाव देखा जा सकता है।
  7. सोचने समझने में मुश्किलें आती हैं।
  8. उसका दिमाग भटक जाता है।
  9. जोड़ने घटाने में कठिनाई आती है।
  10. गिनती करने में परेशानी होती है।
  11. भाषा में दिक्कत आती है।
  12. ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता।
  13. किसी चीज की तस्वीर देख कर उसको पहचानने में परेशानी होती है। कई बार तो वह चीजों को देखकर पहचान भी नहीं पाता।
  14. सीधी से सीधी समस्या को हल नहीं कर पाता।
  15. अपने व्यवहार और भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर सकता।
  16. दूसरों पर निर्भर रहता है यहां तक कि अपने रोज के कामों के लिए भी।
  17. रास्ता भूल जाना।
  18. दिन और तारीख भी याद ना रहना। यहां तक कि वह किस शहर में रहता है, उस शहर का नाम भी उसे याद नहीं रहता।
  19. कई बार तो वह अपना नाम भी भूल जाता है।
  20. व्यवहार में बदलाव नजर आने लगता है।
  21. बात करते या बोलते समय उन्हें सही शब्द नहीं सूझता।
  22. ऐसे लोग खुद को अकेला रखना पसंद करते हैं क्योंकि वे लोगों के सामने खुद को सही नहीं महसूस करते।

डिमेंशिया (मनोभृशं) का कारण / Dementia (manobhransh) ka karaan

वैसे इस बीमारी की शुरुआत अल्जाइमर (Alzheimer) से होती है लेकिन इसका सटीक कारण अभी भी अज्ञात है। कई सारे शोध और जांच के बाद अभी तक इस बीमारी के सटीक कारणों के बारे में पता नहीं चल पाया। परंतु यह बात पता चली है कि यह मस्तिष्क की कोशिकाओं में खराबी के कारण डिमेंशिया (मनोभृंश) यानी भूलने जैसी बीमारी हो सकती है। इसके अलावा कुछ कारण हैं जो डिमेंशिया (मनोभृशं) की वजह बन सकते हैं। तो आइए जानते हैं:

  • मस्तिष्क की कोशिकाओं में गड़बड़ी के कारण डिमेंशिया (मनोभृशं) होने की संभावना होती है।
  • दिमाग की कोशिकाओं को एक दूसरे से संवाद करने में बाधा के कारण डिमेंशिया (मनोभृशं) हो सकती है।
  • सर में चोट के कारण
  • स्ट्रोक के कारण 
  • दिमागी ट्यूमर के कारण 
  • विटामिंस (Vitamins) की कमी के कारण
  • एचआईवी संक्रमण
  • डिमेंशिया के लक्षण और उनका बढ़ना इस बात पर निर्भर है कि किसी व्यक्ति को कौन से प्रकार का डिमेंशिया है क्योंकि डिमेंशिया कई प्रकार का होता है।
  • हारमोंस विकार के कारण
  • हृदय से संबंधित बीमारियाों के कारण
  • थायराइड डिमेंशिया रोग का कारण बन सकता है।
  • हाइपोक्सिया (Hypoxia) मतलब खून में खराब ऑक्सीजन के कारण
  • मेटाबोलि क(Metabolic) संबंधित विकार के कारण
  • नशे की बुरी लत के कारण 
  • हाई ब्लड प्रेशर के कारण डिमेंशिया रोग बढ़ सकता है।
  • मधुमेह भी डिमेंशिया के रोग को बढ़ाने का एक कारण होता है।
  • सिगरेट और धूम्रपान से जितना हो सके व्यक्ति को दूर रहना चाहिए। खासतौर से डिमेंशिया (Dementia) के मरीजों को क्योंकि इस कारण व्यक्ति का रोग काफी हद तक बढ़ सकता है।
  • डिप्रेशन (Depression) के कारण
  • कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) में बढ़ोतरी के कारण

डिमेंशिया बीमारी को पूर्ण रूप से खत्म तो नहीं किया जा सकता परंतु कुछ उपाय और दवाइयों के द्वारा इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

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डिमेंशिया (मनोभृंश) का उपचार / Dementia (manobhransh) ka upchaar

  • नशीली चीजों से दूर रहें। शराब सिगरेट, धूम्रपान वगैरह से दूरी बनाए रखें और इस लत को छोड़ दें।
  • पोषण से भरपूर आहार लें और जंक फूड से दूरी बनाए रखें।
  • नियमित तौर पर हर रोज व्यायाम करें।
  • सकारात्मक विचार और दृष्टिकोण रखें।
  • रोगी के साथ सामान्य व्यवहार करें।
  • सकारात्मक विचार रखने वाले दोस्तों से मिलें।
  • कच्ची मछली जिसको सूशी भी कहते हैं उसका प्रयोग खाने में जरूर करें।
  • टमाटर का प्रयोग खाने में ज्यादा करें।
  • हरी चाय या ग्रीन टी पियें।
  • यदि डिमेंशिया का रोगी आपसे बार-बार कोई सवाल कर रहा है तो आप उसके सवाल पर ग़ुस्सा ना करें अपितु उसे आराम से, प्रेम से समझाएं और उनके साथ मुस्कुरा कर बात करें।
  • डिमेंशिया (Dementia) से पीड़ित लोगों को घर से अकेले बाहर जाने की इजाजत ना दें।
  • ज्यादातर कोशिश करें कि घर का दरवाजा बंद रखें।
  • यदि डिमेंशिया (Dementia) के रोगी को सोने में दिक्कत हो रही हो तो उसके सोने का खास खयाल रखें।
  • उसके आसपास से चोट लगने वाली चीजों को दूर रखें। उनके पास रहें। उन्हें ऐसी कहानियां और ऐसी बातें बताएं जिससे वह आसानी से सो जाएं। शांत वातावरण बनाएं।
  • डिमेंशिया (Dementia) के रोगियों से बातचीत करने में छोटे-छोटे वाक्य का प्रयोग करें। ताकि वह आपकी बातों को आसानी से समझ पाएं। रोगी के सामने तेज़ आवाज में ना बोलें। यदि वे किसी बात को समझ ना पाएं तो वैसा ही जुमला दोबार बोलें और अपनी बात को समझाएं। बात करने के बाद 1 या 2 मिनट का इंतजार करें।
  • रोगी से बहस ना करें।

निष्कर्ष / Conclusion

हमारे मस्तिष्क के कई हिस्से हैं और हर हिस्सा अपना काम अच्छे ढंग से करता है। हर भाग का अपना अलग काम होता है। जब किसी खास क्षेत्र में कोशिकाओं में गड़बड़ी होती है तो वह क्षेत्र सामान्य रूप से अपने कार्यों को पूरा करने में असक्षम रहता है। 

हम सारे इंसान अपने तमाम कामों के लिए दिमाग पर ही निर्भर हैं। डिमेंशिया (मनोभृंश) में मस्तिष्क में ख़ून ले जाने वाली धमनियां (arteries) अवरूद्ध हो जाती हैं। जिसके कारण व्यक्ति के मस्तिष्क का कुछ भाग ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत हो जाता है। इसका इलाज तो अभी तक सामने नहीं आया है, परंतु व्यक्ति की देखरेख और दवाओं के जरिए इस पर काबू किया जा सकता है। 

यह बीमारी ज्यादातर बूढ़े लोगों में पाई जाती है। डिमेंशिया बीमारी के होने की आशंका उन लोगों में ज्यादा होती है जो धूम्रपान करते हैं या जिनका उच्च रक्तचाप हो या जो लोग मधुमेह या उच्च कोलेस्ट्रोल संबंधी परेशानियों से ग्रस्त हों। 

मनोभृशं के लक्षण बहुत सी बीमारियों के कारण पैदा कर सकते है। यह सभी रोग मस्तिष्क को हानि पहुँचाते हैं। डिमेंशिया (मनोभृंश) के लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि मनुष्य के मस्तिष्क का कौन सा हिस्सा रोग से प्रभावित हुआ है।

इस बात का खास ख्याल रखें कि डिमेंशिया (मनोभृंश) कोई बीमारी नही, बल्कि यह दिमाग को हानि पहुंचने के बाद व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव से पैदा होने वाले लक्षणों का नाम है। डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति शारीरिक रूप से नहीं बल्कि वह मानसिक रूप से  बहुत कमजोर हो जाता है। ऐसे में रोगी का ख़ास तौर पर ख़्याल रखना चाहिए।

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Author

  • Nayla Hashmi

    हेलो दोस्तों, मैं हूँ नायला हाशमी। मैं साइकोलॉजी में ग्रेजुएट हूँ और मैंने काउंसलिंग में डिप्लोमा किया है। मैं मेंटल हेल्थ पर बात करना जरूरी समझती हूँ। मैं एक राइटर हूँ और हेल्थ और वेलनेस पर लिखती हूँ। मुझे लगता है कि किसी भी बात या जानकारी को आसान और सीधे तरीके से शेयर करना लोगों से जुड़ने का बेहतरीन तरीका है। मेरी कोशिश है कि मैं कॉम्प्लेक्स आइडियाज को आसान और रिलेटेबल बनाऊं।

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