इस ब्लॉग में जानिए “अपने दिमाग को कैसे नियंत्रित/कंट्रोल करें ?”
क्या आप अपने दिमाग पर कंट्रोल करना चाहते हैं?
हो सकता है कि आप अपने ब्रेकअप से परेशान हों और उसके बारे में सोचना बंद करना चाहते हों, या फिर शारीरिक दूरी की वजह से आपकी जिंदगी में मायूसी आ गई हो और आप अधिक आशावादी नजरिया अपनाना चाहते हों।
हम जानते हैं कि बहुत से विचार जो आपको मायूस करते हैं और तकलीफ पहुंचाने वाले होते हैं आप उनसे दूर रहने की कोशिश करते हैं। हो सकता है कि इन नकारात्मक विचारों से बचने के लिए कई बार आप अकेले रहना भी पसंद करते हो, तनाव और दूसरे चुनौतियों का सामना करते हुए खुद को बहुत कमतर समझते हो और अपने आपको स्वयं को यह बात समझाने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा कि आप इन परेशानियों से लड़ सकते हैं। ये सब मुश्किल तो है लेकिन ये बात सच है कि आप में इतनी क्षमता है कि आप किसी भी तरह की चुनौती से टकरा सकते हैं।
अगर आप अपनी मानसिकता को बदलने के लिए काम करना चाहते हैं तो आज हम आपको अपने दिमाग पर काबू पाने के लिए चार रणनीतियों के बारे में बताएंगे जिनके उपयोग से आप अपनी मदद कर सकते हैं। तो आइए अपने लेख की शुरुआत करते हैं-
दिमाग कंट्रोल करने की रणनीति
जिन विचारों को आप बदलना चाहते हैं उनकी पहचान करें
यह सबसे प्रथम और महत्वपूर्ण बात है कि अगर आप अपने दिमाग पर काबू पाना चाहते हैं तो सबसे पहले उन विचारों की पहचान करें जिन्हें आप बदलना चाहते हैं। आप यह पता लगाने की कोशिश करें कि आपके दिमाग में क्या चल रहा है। ऐसे कौन से विचार हैं जो आपको परेशान करते हैं और फिर यह फैसला करें कि आप किन विचारों को बदलना चाहते हैं।
आप पहले मनुष्य नहीं हैं जिसे समय-समय पर मायूसी या असफलता का अनुभव होता है। अगर आप अपने जीवन में किसी चुनौती का सामना कर रहे हैं तो याद रखें कि ऐसी कोई चुनौती नहीं जिसका सामना किसी और ने कभी ना किया हो, ऐसी कोई परेशानी नहीं जो किसी और ने ना उठाई हो और ऐसी कोई चीज नहीं जिस पर काबू इंसान पा सका हो।
हां, यह और बात है कि अपनी मानसिकता पर काबू पाना बहुत ही कठिन लगता है। कभी-कभी बार-बार परेशान करने वाले विचार बहुत सामान्य होते हैं लेकिन जितनी जल्दी दिमाग पर वे विचार कब्जा कर लेते हैं उतनी ही जल्दी से वे दिमाग से निकालें भी जा सकते हैं। अगर आप उन विचारों से खुद को ना जोड़ें तो वे ज्यादा देर आपके दिमाग में टिकने वाले नहीं हैं।
ऐसे विचार जो आपको परेशान करने वाले हो सकते हैं वे निम्नलिखित हो सकते हैं-
- अफवाहें
- नकारात्मक जजमेंट
- थिंकिंग एरर या सोचने की त्रुटियां
- निराशावादी दृष्टिकोण
इन खास विचारों की पहचान करने से आपको दिमाग कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
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नापसंदीदा ख्यालों को स्वीकार करें
हर इंसान यह चाहता है कि उसे किसी प्रकार का कोई दर्द महसूस ना हो। इससे बचने के लिए वह जीवन की चुनौतियों से दूर भागता रहता है। ये भी एक अटल सच है कि जो विचार बेसुकूनी और परेशानी का कारण बनते हैं हम उनसे बचना पसंद करेंगे लेकिन फिर भी किसी भी चीज से भागना उस पर काबू पाने का तरीका बिल्कुल नहीं है। आप देखेंगे कि यह तरीका उन चीज़ों को और अधिक कठिन बना देता है।
अगर इसके विपरीत आप उन विचारों को स्वीकार करके अपने अंदर आने दें और कोशिश करें कि इन पर नजर रखें कि वे कहां से आ रहे हैं और किन-किन बातों से जुड़े हुए हैं तो बात बन सकती है।
चलिए मान लेते हैं कि आप जीवन की परेशानियां बर्दाश्त कर करके इतने कठोर वो चुके हैं कि अब आप उन परेशानियों को थोड़ा कम महसूस करना चाहते हैं, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप उन पर काबू पाने में सफल हो गए।
अगर आप अपने आप में बदलाव लाना चाहते हैं तो स्थिति को स्वीकार करना सीखें। यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है कि आप पूरी तरह से हार मान लें।
जब आप नापसंदीदा विचारों को अंदर आने देते हैं तो इन विचारों से आप इस बात का भी पता लगा सकते हैं कि वे विचार क्यों, और कहां से आते हैं।
हो सकता है कि आपके जीवन में किसी खास हादसे की वजह से आपका दिमाग प्रभावित हो गया हो और बार-बार ये विचार आपको उसी हादसे की वजह से आ रहे हों। माना कि इन विचारों को रोकना कठिन है लेकिन इनसे लड़ा जा सकता है। यह उसी वक्त संभव हो सकता है जब आप उन विचारों को स्वीकार करें और उस हादसे के बारे में सोचें। आप ये जानने की कोशिश करें कि उस हादसे में ऐसी क्या बात थी जिसने आज तक आपके जीवन को प्रभावित कर रखा है। इससे आपको हिम्मत मिलेगी लेकिन अगर आप उनसे दूर भागते रहेंगे तो वे हर वक्त आपको ऐसे ही परेशान करते रहेंगे।
मेडिटेशन करें
नापसंदीदा विचारों को जब आप स्वीकार करना चाहते हैं तो उस वक्त जो कि आप की सबसे ज्यादा मदद करने वाली चीज़ है वह है मेडिटेशन यानी कि ध्यान!
वैसे तो मेडिटेशन जंगलों या पहाड़ों पर बैठकर करते हैं क्योंकि इन जगहों को आप सबसे ज्यादा शांति और सुकून की जगह पाएंगे। यहां पर आप प्रकृति को अपनी आत्मा के साथ बहुत अच्छी तरह से जोड़कर महसूस कर सकते हैं, लेकिन हर जगह आपको पहाड़ और जंगल तो नहीं मिल सकते इसलिए आप कहीं भी खुली जगह में जमीन पर बैठ जाएं और कानों में एयर बड्स लगाकर आंखें बंद करके प्रकृति को महसूस करना शुरु करें।
कोशिश करें कि आप प्रकृति को अपनी आत्मा के साथ जोड़ें। अब आप महसूस करेंगे कि प्रकृति आपकी तमाम परेशानियों को अपने अंदर संजो रही है जिससे आपकी आत्मा बिल्कुल हल्का महसूस करने लगेगी।
यह कार्य आपको तुरंत ही सफलता नहीं देगा। इसके लिए लगातार प्रयास करना पड़ेगा। बेहतर होगा कि इस दौरान आप अपनी सांसे भी अंदर लेकर कुछ पलों के लिए उन्हें रोकना शुरू करें, और फिर धीरे से उसे छोड़ें।
मेडिटेशन अगर आप सुबह सवेरे करते हैं तो यह आपके लिए बहुत लाभदायक होगा। यह आपके विचारों को बदलने और उन पर काबू पाने में भी बहुत मदद कर सकता है, लेकिन उसके लिए आपको यह प्रक्रिया लगातार करना होगा।
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सकारात्मक बातों पर ध्यान दें
अगर आप अपने विचारों पर काबू पाना चाहते हैं और आप चाहते हैं कि आपके नापसंदीदा विचार आपसे दूर रहें तो इसका बहुत अच्छा उपाय यह है कि आप सकारात्मक विचारों पर ध्यान दें। जब भी कुछ सोचें सकारात्मक विचार से संबंधित ही सोचें। नकारात्मक बातों को अपने करीब भी ना आने दें।
मान लेते हैं कि आप सुबह-सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर अच्छी तरह तैयार होते हैं और बाहर चले जाते हैं। यहां रास्ते में चलते चलते किसी गीली जगह पर आपका पैर पड़ता है और आप फिसल कर गिर पड़ते हैं। आपके कपड़े खराब हो जाते हैं और लोग आपको देखकर हंसने भी लगते हैं।
अब अगर आपकी मानसिकता नकारात्मक है तो आप यही सोचेंगे कि हमेशा आप ही के साथ ऐसा होता है, लेकिन सकारात्मक मानसिकता आपको यह समझाएगी कि यह एक हादसा था जो किसी के भी साथ हो सकता है।
यह हादसा आपको हमेशा याद रहेगा और अब आप रास्ते में और भी सतर्क होकर चलेंगे और दोबारा अपने साथ इस तरह की स्थिति नहीं होने देंगे।
निष्कर्ष / Conclusion:-
इस लेख के माध्यम से हमने आज आपके साथ दिमाग को कंट्रोल करने के चार उपायों के बारे बताया है।
यहां हम आपकी ध्यान मेडिटेशन की तरफ लाना चाहेंगे। यह दिमाग को कंट्रोल करने का एक बेहतरीन और अचूक उपाय है। आप देखेंगे ज्यादातर मोटिवेशनल स्पीकर भी मेडिटेशन की सलाह देते हैं।
अगर आप किसी तरह के डिप्रेशन या किसी और मानसिक समस्या से परेशान हैं या अपने दिमाग को काबू करना चाहते हैं तो मेडिटेशन जरूर अपनाएं।
अगर आपको इस लेख से जुड़ी किसी बात पर शंका या प्रश्न हो तो कमेंट बॉक्स में हमसे जरूर साझा करें।