इस ब्लॉग में “जानिए सीजर्स डिसऑर्डर से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी“
सीजर्स डिसऑर्डर क्या है? / What is seizure disorder in hindi
सीजर्स डिसऑर्डर (Seizure Disorder) को दौरे पड़ने की बीमारी कहा जाता है। यह दौरे दिमाग में अचानक और अनियमित होने वाली विद्युत गड़बड़ी के कारण होते है। अगर यह दौरे बार-बार पड़ें तो मिर्गी की बीमारी होने का डर भी हो सकता है।
सीजर्स डिसऑर्डर मिर्गी की बीमारी से अलग है। कभी किसी मनुष्य के सिर में गंभीर चोट लगी हो उस चोट के कारण व्यक्ति को आगे उसके जीवन में कभी कभी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिसके कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में अचानक विद्युत गतिविधि में तब्दीली का एहसास होगा। इसीलिए मस्तिष्क में अनियमित तौर पर परिवर्तन होगा। दिमाग में अचानक इस तरह के परिवर्तन होने को सीजर्स डिसऑर्डर या दौरे पड़ना कहा जाता है। यदि यह दौरा व्यक्ति को कई बार पड़े तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हर मनुष्य का दिमाग बहुत सी तंत्रिका कोशिकाओं (nerve cells) से बना है। तंत्रिका कोशिकाएं विद्युत संकेतों (electrical signals) के जरिए से एक दूसरे से बात करती हैं, और संदेश पहुँचाती हैं। जब बहुत सारी तंत्रिका कोशिकाएं एक साथ बहुत सारे संकेत भेजने लगती हैं तो ऐसी स्थिति में दौरे पड़ना शुरू हो जाते हैं।
दौरे पड़ने से व्यक्ति का शरीर तेजी से हिलने लगता है। वह बेहोश भी हो जाता है। कभी-कभी तो व्यक्ति भ्रमित भी हो जाता है। एक या दो मिनट के बाद यह दौरे पड़ना खत्म हो जाते हैं क्योंकि मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाएं सामान्य रूप से व्यवहार करना शुरू कर देती हैं। मनुष्य वापस से सामान्य हो जाता है। आमतौर पर इस दौरे को दवा के द्वारा सही भी किया जा सकता है। दौरे के कारण मनुष्य के जीवन पर प्रभाव पड़ सकता है।
यह जरूरी नहीं कि व्यक्ति को अगर एक या दो बार दौरे पड़े हो तो उसे जिंदगी भर दौरे पड़ें। समय पर डॉक्टर से संपर्क करके इसका निदान किया जा सकता है। ज्यादातर दौरे रोगियों के व्यवहार, उनकी भावनाओं, गति और चेतना के स्तरों में परिवर्तन का कारण बन सकते हैं। ये दौरे सिर में चोट लगने के कारण, दिमाग की अंदरूनी बीमारी या स्ट्रोक के कारण भी होते हैं। दौरे पड़ने का समय 30 सेकंड से 2 मिनट तक रहता है। कभी-कभी यह समय बढ़कर 5 मिनट तक भी हो जाता है।
सीजर्स डिसऑर्डर (दौरे पड़ने) के कारण / Seizure disorder reason in hindi
दौरे पड़ने के कई कारण सामने आए हैं-
- सर में चोट लगना। अगर किसी व्यक्ति के सर में कभी गहरी चोट आई है तो उसको दौरे पड़ने की संभावना हो सकती है।
- स्ट्रोक के कारण
- किसी बीमारी के कारण
- बहुत तेज बुखार
- नींद की कमी। जब किसी भी व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती है तो उसके मस्तिष्क में कुछ ऐसा परिवर्तन होता है जिसके कारण दौरे पड़ सकते हैं।
- मेनिन्जाइटिस (Meningitis) से होने वाले संक्रमण के कारण व्यक्ति को सीजर्स डिसऑर्डर हो सकता है।
- बहुत ही ज्यादा दवाओं का इस्तेमाल करने के कारण
- हाइपोनेटे्मिया (Hyponatraemia) की वजह से भी दौरे पड़ सकते हैं।
- बहुत ही ज्यादा दर्द निवारक गोलियों का इस्तेमाल करने या एंटीडिप्रेसेंट गोलियां लेने से दौरे पड़ सकते हैं।
- धूम्रपान का सेवन करने या धूम्रपान बंद करने वाली थेरेपी के कारण भी सीजर्स डिसऑर्डर होने की संभावना बढ़ जाती है।
- ब्रेन ट्यूमर
- कुकीन या एम्फ़ैटेमिन (Amphetamine) के कारण
- बहुत ज्यादा शराब का सेवन करने के कारण
- मस्तिष्क में गहरी चोट के कारण
- मनोरंजन दवाइयों या ड्रग्स का इस्तेमाल दौरे पड़ने का कारण बन सकती है।
- जन्म देने के दौरान खून की कमी के कारण
- मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं के संचार में बाधा दौरे पड़ने की समस्या का कारण बन सकती है।
- अल्जाइमर की बीमारी के कारण
- गुर्दे खराब होने के कारण
- जिगर में गड़बड़ी होने के कारण
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सीजर्स डिसऑर्डर के लक्षण / Seizure disorder symptoms in hindi
जब भी किसी व्यक्ति को दौरे पड़ते हैं तो वह अपनी चेतना की अवस्था में नहीं रहता। ज्यादातर देखा गया है कि वह बेहोश हो जाता है, और बेहोश होने के साथ-साथ वह बहुत तेजी से हिलने लगता है। कई बार तो उसे चोट भी लग जाती है।
आज हम अपने शीर्षक में दौरे पड़ने की बीमारी के बारे में बात कर रहे हैं तो आइए जानते हैं दौरे पड़ने के लक्षण क्या-क्या होते हैं। किस तरह से हम जान पाएंगे कि किसी व्यक्ति को दौरे पड़ रहे हैं।
- दौरे पड़ने के लक्षणों में से एक बड़ा लक्षण यह है कि व्यक्ति भ्रमित हो जाता है और वह कुछ सोचने समझने की सलाहियत नहीं रखता। व्यक्ति ज्यादातर कंफ्यूज रहता है।
- दिन में सपने देखना सीजर्स डिसऑर्डर का लक्षण है।
- हाथ और पैरों में अकड़न और मरोड़े पड़ना।
- बेहोश हो जाना।
- बहुत ज्यादा डरना।
- किसी भी घटना के होने से पहले उसे ऐसा प्रतीत होना कि यह हो चुका है।
- शरीर में जकड़न।
- झटके लगना।
- आंखों में जाला पड़ना।
- किसी भी चीज या वस्तु को एकटक देखते रहना।
- थोड़ी देर के लिए गायब दिमाग हो जाना।
- सांस लेने में समस्या आना।
- बहुत ज्यादा लार आना व गिरना।
- सिर में दर्द होना।
झटका आने पर क्या करें / What to do in case of shock in hindi
- जब भी आप किसी ऐसे मनुष्य से मिलें जिसे दौरे पड़ते हों तो आपको चाहिए कि आप निम्नलिखित बातों को अपनाएं:घबराएं नहीं।
- अपना होश ना खोएं।
- आराम से अपने पर काबू रख कर उस व्यक्ति का साथ दें।
- चोट लगने वाली चीजों को उस व्यक्ति से दूर रखें।
- यदि उसके गले में कोई दुपट्टा या कोई तंग चीज हो तो उसे खोल दें।
- झटके के कारण शरीर तेजी से हिलने लगता है तो शरीर को पकड़े रखें।
- खास तौर से गर्दन और हाथों पर काबू रखें अन्यथा नुकसान हो सकता है।
- झटके वाले व्यक्ति को करवट करा दें।
- उसके सर के नीचे तकिया रख दें।
- झटका खत्म होने के बाद भी उसी व्यक्ति के साथ रहें और उसे सहारा दें।
- जल्द से जल्द डॉक्टर को बुलाएं।
- यदि व्यक्ति बेहोश हो गया हो तो उसे होश में लाएँ।
- इस बात का ख्याल रखें कि व्यक्ति के जीभ को पकड़ने की कोशिश ना करें।
- झटका आने के बाद व्यक्ति का पूरा शरीर अकड़ जाता है और बहुत दर्द होता है। दौरा पड़ने के बाद व्यक्ति के शरीर को तेल से धीरे-धीरे मालिश कर दें।
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सीजर्स डिसऑर्डर का इलाज / Seizure disorder treatment in hindi
- यदि किसी व्यक्ति को दौरे पड़ रहे हैं और यह दौरे कई बार पड़ रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें और उसके बताए गए टेस्ट करवाएं।
- डॉक्टर एक बार के झटके से किसी भी बीमारी को नहीं पकड़ सकते इसीलिए एक या दो बार झटका आना जरूरी है तभी डॉक्टर उसकी इस बीमारी को पकड़कर उसका इलाज कर सकता है।
- डॉक्टर्स के द्वारा बताए गए टेस्ट जैसे खून का टेस्ट, एमआरआई, सीटी स्कैन, ईईजी टेस्ट, आदि टेस्ट करवाएँ। इससे ही डॉक्टर उसका निदान कर सकता है।
- यदि दौरे पड़ने का कोई अन्य कारण है जैसे कोई संक्रमण तो डॉक्टर उस संक्रमण का इलाज करेंगे ताकि उसके खत्म होते ही दौरे पड़ना बंद हो जाएं।
- दौरे पड़ने का कारण जानने के लिए यह भी जानना जरूरी है कि यह दौरे कहीं मिर्गी के कारण तो नहीं पड़ रहें।
- दौरे पड़ने का इलाज दवाइयों के द्वारा भी किया जा सकता है परंतु अगर दवाइयों का असर रोगी पर नहीं हो रहा तो चिकित्सक सर्जरी की सलाह भी दे सकता है।
निष्कर्ष / Conclusion
मनुष्य के मस्तिष्क के भाग एक-दूसरे से नियंत्रित इलेक्ट्रिसिटी के जरिए बात करते हैं। मनुष्य का दिमाग बहुत सी तंत्रिका कोशिकाओं से बना है और जब भी उसके संचालन में बाधा पड़ती है तो दौरे पड़ने की समस्या बढ़ जाती है।
दौरे कई प्रकार के होते हैं। देखा जाए तो यह काफी गंभीर बीमारी है जिसका संबंध मस्तिष्क से होता है। दौरे किस तरीके से आ रहे हैं और क्यों आ रहे हैं इसका पूरा संबंध मस्तिष्क से होता है। इसे नजरअंदाज ना करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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