इस ब्लॉग में हम स्ट्रेस/तनाव के बारे में पढ़ेंगे।
आज की दौड़भाग भरी ज़िंदगी में हर व्यक्ति मानसिक रोगों को अनुभव करता है। शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो ये ना जानता हो कि डिप्रेशन (Depression) या तनाव (Stress) कैसा होता है। एक छोटे स्कूल जाते बच्चे से लेकर एक वृद्ध अधिकारी या व्यक्ति तक तनाव से गुज़र रहा है।
ऑफ़िस में बॉस के द्वारा दिए गए टास्क को पूरा करने की ज़िम्मेदारी, स्कूल में शिक्षक के द्वारा दिया गया पाठ याद करने की ज़िम्मेदारी, घर में सभी व्यक्तियों के लिए खाना बनाने की ज़िम्मेदारी या दुकान पर बैठकर पैसा कमाने की ज़िम्मेदारी, ये सारी चीज़ें व्यक्ति को तनाव से दो चार करवाती हैं।
यदि ये कहा जाए कि तनाव (Stress) आज कल की हमारी ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण भाग बन गया है तो यह बात ग़लत नहीं होगी।
स्ट्रेस/तनाव की परिभाषा
वैसे तो सुनने में बड़ा सामान्य और छोटा सा टॉपिक लगता है लेकिन तनाव के द्वारा दिए गए घाव असल में काफ़ी बड़े हो सकते हैं।
तनाव का अनुभव तो लगभग हर व्यक्ति करता है लेकिन यदि बात की जाए तनाव को परिभाषित करने की तो ऐसे में हो सकता है कि वह इसे परिभाषित न कर पाए।
तनाव दरअसल एक मानसिक रोग है जो नकारात्मक विचारों के कारण उत्पन्न होता है। तनाव से पीड़ित व्यक्ति नकारात्मक विचारों का शिकार होता है जो बार बार उसके दिमाग़ में आते हैं और सकारात्मक उर्जा को ख़त्म करते हैं।
इसी के साथ आपको बताते चलें कि तनाव से पीड़ित व्यक्ति किसी भी स्थिति या चीज़ के लिए सदैव नकारात्मक सोचने के लिए ही प्रेरित होता है। अगर आप तनाव को हल्के में लेते हैं तो हम आपको बता दें कि तनाव आपको मारने तक की क्षमता रखता है। वैसे भी ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि चिंता चिता के समान होती है। इस बात से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि तनाव वास्तव में कितना घातक हो सकता है।
आज के अपने इस लेख में हम तनाव के कारण लक्षण और निवारण पर एक महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे।
तो आइए सबसे पहले बात करते हैं तनाव के कारणों की!
स्ट्रेस/तनाव के कारण
वैसे तो तनाव के कारणों की कोई सीमा नहीं है। हर व्यक्ति के ज़िंदगी में तनाव का कोई न कोई कारण अवश्य होता है। कुछ लोगों के जीवन में तनाव का कारण दूसरे लोगों से मिलता जुलता हो सकता है तो वहीं कुछ लोगों के जीवन में तनाव का कारण कोई बहुत ही अलग समस्या हो सकती है। आइए बात करते हैं तनाव के कुछ सामान्य कारणों की-
कार्य की चिंता
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक वर्किंग व्यक्ति का जीवन कितना उतार चढ़ाव से भरा होता है। प्रतिदिन ऑफ़िस जाने की चिंता से लेकर बॉस के सामने अच्छे से प्रजेंटेशन देने का तनाव व्यक्ति को बना ही रहता है। कार्य की चिंता भी तनाव का कारण बनती है।
परिवार
परिवार में ऐसे बहुत से कार्य होते हैं जो व्यक्ति की चिंता का विषय बन सकते हैं; उदाहरण के तौर पर परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने पर परिवार के लोगों में लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। ये लड़ाई झगड़े तनाव का कारण बन सकते हैं।
इसी के साथ साथ परिवार के लोगों का एक दूसरे के प्रति अच्छा व्यवहार न होना भी तनाव का कारण बन सकता है।
स्कूली बच्चों में
स्कूल जाने वाले बच्चों में परीक्षा को लेकर काफ़ी डर बना रहता है। इसी के साथ यदि शिक्षक कोई पाठ याद करने को देता है तो ऐसे में भी बच्चे घबरा जाते हैं। कभी कभी तो वे पाठ को याद भी नहीं कर पाते हैं। इस वजह से भी उन्हें तनाव हो सकता है।
किसी विशेष चीज़ के कारण
तनाव के कुछ अन्य कारणों में हम कुछ विशेष लोगों, स्थानों या चीज़ों को भी रख सकते हैं। हो सकता है कि किसी व्यक्ति को किसी नई जगह पर घूमने जाना हो और वह उस ट्रिप को लेकर काफ़ी डर जाए। ऐसे में भी व्यक्ति को उस स्थान को लेकर तनाव हो सकता है।
और ठीक यही चीज़ किसी विशेष इन्सान या किसी विशेष चीज़ को लेकर भी हो सकती है। आपने भी देखा होगा कि यदि आप किसी ऑनलाइन वेबसाइट से कोई वस्तु मंगाते हैं तो आपको उस वस्तु को लेकर चिंता होती है जो तनाव को जन्म देती है।
इसके अलावा शराब, सिगरेट, वंशानुगत कारण, अतीत की बातों के चलते भी लोगों को तनाव हो सकता है।
इस प्रकार हम देख सकते हैं कि तनाव के हमारी साधारण ज़िंदगी में अनेक कारण हो सकते हैं। आइए अब बात करते हैं तनाव के लक्षणों की।
स्ट्रेस/तनाव के लक्षण
जब हमें तनाव होता है तो हमारे शरीर में कुछ विशिष्ट प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे-
- सीने में दर्द होना
- उदास हो जाना
- ध्यान केंद्रित न कर पाना
- सही से खाना ना खा पाना
- कम बात करना
- ख़ुशी की स्थिति में उदास या ग़ुस्सा होना
- मृत्यु के बारे में सोचना
- अपने अस्तित्व पर उंगली उठाना
- किसी भी कार्य में दिल न लगना
- खुशियों से दूर रहना
इन लक्षणों के अलावा भी व्यक्ति अपने विचारों, पर्सनालिटी और व्यवहार के आधार पर लक्षण दिखा सकता है। यह पूरी तरह व्यक्ति तथा स्थिति पर निर्भर करता है।
इसी के साथ आइए अब बात करते हैं तनाव के निवारण की।
स्ट्रेस/तनाव से छुटकारा कैसे पाएँ ?
तनाव से छुटकारा पाने के लिए कुछ निम्नलिखित उपायों को अपना सकते हैं-
तनाव का कारण जानें
जब भी आपको लगे कि आप किसी तनाव की स्थिति से गुज़र रहे हैं तो सबसे पहले तो उस तनाव के कारणों को परखें। जब आप अपने तनाव का कारण जान लेंगे तब आप अपने उस तनाव को दूर करने का तरीक़ा खोजना शुरू करेंगे।
इस प्रकार अपने तनाव के प्रति आपको जागरूकता हो जाएगी और आप उससे दूर रहने का एक उपाय भी निकाल लेंगे। तो तनाव से बचने के लिए सबसे पहले हमें तनाव का कारण जानना चाहिए।
नकारात्मक विचारों से दूर रहें
जैसा कि हमने बताया कि नकारात्मक विचारों के द्वारा ही हम सकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म कर देते हैं जिससे हमें तनाव होता है।
इस प्रकार यह ज़रूरी है कि अगर हम तनाव से बचना चाहते हैं तो हम नकारात्मक विचारों को दूर करें। नकारात्मक विचारों से बचने के लिए हमें ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो सदा निराशा से भरपूर बातें करते हैं।
इसी के साथ वे लोग जो आपको नीचा दिखाते हैं और आपके किसी भी कार्य की प्रशंसा नहीं करते हैं उनसे भी दूरी बनाए रखें। नकारात्मकता को जन्म देने वाली हर वस्तु और इंसान से दूर रहें।
अपने आहार को परखें
आप अपने आहार में क्या खा रहे हैं और क्या नहीं खा रहे हैं इसका एक चार्ट बनाकर रखें। आप अपने आहार पर एक पारखी दृष्टि बनाए रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि हम जो आहार लेते हैं उसका सीधा सा असर हमारे मन और मस्तिष्क पर होता है।
आपको बताते चलें कि अधिक तैलीय (Oily), जंक फ़ूड (Junk Food) आदि के सेवन से भी मानसिक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। अपने आहार में पोषण से भरपूर चीज़ों को शामिल करें। ताज़ा फलों, दूध, दही, हरी सब्ज़ियां और मछली इत्यादि का मांस खाना भी काफ़ी अच्छा उपाय है।
मेडिटेशन (Meditation) और योगा (Yoga) करें
जब व्यक्ति का मस्तिष्क शांत नहीं होता है तो ऐसे में व्यक्ति को तनाव होता है। अपने मस्तिष्क को शांत करने के लिए हम मेडिटेशन और योगा का सहारा ले सकते हैं। प्रतिदिन सुबह उठकर कुछ देर ध्यान केंद्रित करने से ना सिर्फ़ व्यक्ति का तनाव कम होता है बल्कि सीखने की क्षमता भी बढ़ती है।
शराब या सिगरेट से बचें
भूलकर भी शराब और सिगरेट का सेवन न करें। ये चीज़ें ना सिर्फ़ शरीर को ही नुक़सान पहुँचाती हैं बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करती हैं।
सिगरेट और शराब का सेवन करने वाले लोग अपनी एक विशिष्ट दुनिया में जीने लगते हैं। ऐसे में वे समाज से कट जाते हैं। यह चीज़ भी तनाव को जन्म दे सकती है।
फनी मूवी या कार्टून देखें
अपने आपको हल्का फुल्का महसूस कराने के लिए और तनाव से छुटकारा पाने के लिए आप किसी मज़ेदार फ़िल्म या कार्टून को देख सकते हैं। जब आप उस मूवी में फनी सीन्स को देखेंगे तो ऐसे में आपको हँसी आएगी। हँसने से भी व्यक्ति का तनाव दूर होता है।
अपनी नींद को पूरा अवश्य करें
अपने मस्तिष्क को शांत करने के लिए और प्रतिदिन एक नई ऊर्जा के साथ जीने के लिए आपको अपनी नींद की घंटो पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए।
प्रतिदिन आप कितने बजे सोते हैं और कितने बजे उठते हैं इस बात पर एक विशेष नज़र रखें। इसी के साथ साथ आप यह ज़रूर देखें कि आप कितने घंटे की नींद लेते हैं। पर्याप्त नींद लेने से न सिर्फ़ तनाव दूर होता है बल्कि कई अन्य शारीरिक बीमारियां भी दूर होती हैं।
आस्था से जुड़ें
जिन चीज़ों में आपकी आस्था है उन भले कार्यों को करें। यदि आपको किसी विशेष धर्म या व्यक्ति के प्रति आस्था है तो ऐसे में कुछ देर उस को अवश्य दें।
इसी के साथ साथ यदि आपको दूसरों की मदद करने का मौक़ा मिलता है तो पीछे न हटें। दूसरों की मदद करने से भी मन को शांति मिलती है। इससे तनाव भी दूर होता है।
निष्कर्ष
तनाव से दूर रहने के लिए हमने कुछ महत्वपूर्ण बातों की चर्चा अपने आज के इस लेख में की है। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा।
लेख से संबंधित सवालों और सुझावों को आप कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं।